- लिंक पाएं
- X
- ईमेल
- दूसरे ऐप
- लिंक पाएं
- X
- ईमेल
- दूसरे ऐप
एक गिलास ठंडा पानी की कहानी
यह कहानी है ऐसे कर्मचारी की है जिसको बात बात पर गुस्सा आ जाता था यह कहानी उन सभी को सुनना चाहिए जिनको बात बात पर गुस्सा आ जाता है तो आज हम लेकर आए हैं एक गिलास ठंडा पानी की कहानी चलिए इस कहानी को शुरू करते हैं।
एक सरकारी दफ्तर में फॉर्म भरवाने के लिए एक लंबी लाइन लगी हुई थी। एक आदमी जो इस लाइन के आखिर में लगा था उसने देखा कि लाइन के शुरू में एक महिला जो फॉर्म भर रही थी उस टेबल पर बैठा क्लर्क बड़ी तेज आवाज में गुस्से से चिल्ला रहा था।
बेचारी महिला सेहमी सी उसकी सारी बातें सुन रही थी। उसकी गलती बस इतनी थी कि उसने फॉर्म में कुछ गलत डिटेल भर दी थी। क्लर्क इसी बात से उस पर गुस्सा था और कह रहा था कि तुम्हें दिखाई नहीं देता कि क्या लिखने के लिए कहा गया है और तुम क्या लिख रही हो।
लाइन की आखिर में लगा वो आदमी अपनी लाइन छोड़कर उस क्लर्क के टेबल के पास आता है और उस टेबल के बाजू में रखे पानी के मटके से एक गिलास पानी भर के उस क्लर्क को पीने के लिए देता है। क्लर्क पहले उसे देखकर उस पर भी गुस्सा हो जाता है और कहता है कि यह क्या बदतमीजी है।
लेकिन वह पानी का गिलास लेकर पी लेता है। आदमी कहता है कि सर आप ज्यादा परेशान लग रहे हैं ये ठंडा पानी पी लीजिए थोड़ा आराम हो जाएगा। पानी पीने के बाद सच में क्लर्क का गुस्सा थोड़ा शांत होता है और वह उस आदमी से कहता है कि मैं अपने काम के बारे में बहुत सख्त हूँ।
जब कोई भी छोटी सी गलती करता है तो मुझे बहुत गुस्सा आ जाता है और इसीलिए इस ऑफिस का चपरासी भी मुझे पानी नहीं देता है। क्लर्क की बातें सुनने के बाद वह आदमी फिर से अपनी जगह लाइन में जाकर लग गया। उसके बाद उस क्लर्क ने सभी लाइन में लगे लोगों से अच्छे से बात की और सबके सवालों को बड़ी शांति से जवाब दिए।
लाइन में आखिर में लगा आदमी भी अपना फॉर्म भरने के बाद अपने घर लौट गया। इस आदमी को शाम को एक कॉल आया। कॉल पर उसे एक आदमी ने कहा कि पहचाना मुझे? उस आदमी ने कहा नहीं आप अपनी पहचान तो दीजिए।
कॉल के दूसरी तरफ से आदमी बोला कि मैं वही क्लर्क हूं जिसे आप आज ऑफिस में मिले थे और जिसे आपने एक गिलास ठंडा पानी पिलाया था। मैं आपका बहुत आभारी हूं। आपने जो गुस्सा ठंडा करने का रामबाण इलाज दिया है उससे मुझे बहुत फायदा हुआ है।
आदमी कुछ समझ नहीं पा रहा था तब क्लर्क ने उसे समझाया कि मेरी बीवी और मां हमेशा छोटे-मोटे बातों पर लड़ते रहती है, झगड़ती रहती है। आज जब मैं ऑफिस से घर पहुंचा तब भी वह दोनों झगड़ा कर रही थी। उन दोनों का गुस्सा देखकर मुझे आपकी याद आई तो मैंने भी उन दोनों को एक एक गिलास ठंडा पानी पीने के लिए दिया।
थोड़ी ही देर में दोनों का गुस्सा गायब सा हो गया। तब से वे दोनों अच्छे से मुस्कुरा के बातें कर रही है। एक और बात मैं आपसे कहना चाहता हूं की अगर आज अब तक आपने खाना नहीं खाया है तो आप हमारे घर आकर खाना खा लीजिए।
आदमी बोला मुझे समझ नहीं आ रहा है की आप इतनी सी बात के लिए मुझे खाना क्यों खिलाना चाहते हैं? तब क्लर्क ने उसे बताया कि एक गिलास ठंडा पानी इतना बड़ा चमत्कार कर सकता है तो सोचिए खाने का क्या असर होगा।
शिक्षा - दोस्तों, हर बात का उसी वक्त रिएक्शन देना या जो मन में विचार आए वह बोल देना बिल्कुल सही नहीं है। थोड़ी देर सोचकर, थोड़ी देर रुककर हम कई ऐसे शब्दों को सामने वाले तक पहुंचने से रोक सकते हैं जिनसे उनको दुख हो सकता है या जिनसे रिश्ते बिगड़ सकते हैं।
ये कहानी भी पढ़े -
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें